15 जनवरी, 2016 नई दिल्ली . सक्रांति को परिवर्तन का काल माना जाता है, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् की पत्रिका का यह विशेषांक स्वामी विवेकानन्द जी को केद्र में रखकर मकर सक्रांति के शुभ अवसर पर लोकार्पित हुआ है. छात्र शक्ति को एक परिवर्तनकारी समूह बनाकर, अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने के प्रेरणा यह विशेषांक देता है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह-सरकार्यवाह श्री दत्तात्रेय होसबले जी ने यह विचार आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् की मासिक पत्रिका राष्ट्रीय छात्र शक्ति के विशेषांक “युवा भारत समर्थ भारत ’ के लोकार्पण के अवसर पर व्यक्त किये.
नई दिल्ली स्थित दीनदयाल शोध संस्थान में छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने बताया कि अनुशासन के बंधन कई बार परिवर्तन लाने में बंधक होते हैं. छात्र संगठन परिवर्तनशील होते हैं और समयानुसार परिवर्तन चाहते हैं. युवाओं के अन्दर परिवर्तन का भाव स्वभाविक है, जो नहीं चाहते उनके अन्दर तरुणाई नहीं है. निर्भीक होकर परिवर्तन लाने के लिए आत्मविश्वास के साथ हम ऐसी अव्यवहारिक व्यवस्था नहीं मानते, यह कहने की ताकत छात्र संघ में होनी चाहिए. राष्ट्रहित में परिवर्तन के राजनीतिक विषयों को भी विद्यार्थी परिषद् ने अपने आन्दोलन में सम्मिलित किया. जिसके लिए अपनी पत्रिकाओं में अनुच्छेद 370, बांग्लादेशियों की अवैध घुसपैठ जैसे विषयों को रखा. स्वतन्त्रा आंदोलन में भी कई स्वतंत्रता सेनानियों, क्रांतिकारियों के विचार समाज तक पहुँचाने के लिए ऐसी पत्रिकाएं सशक्त माध्यम बनीं.
सह-सरकार्यवाह जी ने बताया कि आज विद्यार्थी परिषद् द्वारा भारत के भिन्न-भिन्न भागों में विभिन्न भाषाओं में छात्र पत्रिका निकालना परिवर्तन लाने के लिए वैचारिक आंदोलन का हिस्सा है. सीमित संसाधानों के कारण ऐसी पत्रिकाएँ चलाते रहने में कई समस्याएँ आती हैं, किन्तु इन समस्याओं से हार नहीं मानें. जिम्मेदारी लेने का निर्णय लेकर उस पर अपनी प्रतिबद्धता दिखाएं. राष्ट्रीय छात्र शक्ति का यह प्रयास सराहनीय है. आज इस पत्रिका से जुड़े 50 प्रतिशत कार्यकर्ता कहीं न कहीं पत्रकारिता के क्षेत्र में है यह भी एक सफलता है. आज विद्यार्थी परिषद के इस कार्यक्रम में पुरानी और नई पीढ़ी मिली है, नए कार्यकर्ता वरिष्ठ कार्यकर्ताओं के अनुभव से सीखें. आज 1975 के पहले का युग नहीं है , इसलिए टैक्नोलोजी को आत्मसात करने चाहिए, लेकिन अपनी परम्परा से जड़े रहकर , उसमें जो कुरीतियां हैं उन्हें दूर करते हुए जिम्मेदारी का अहसास , सीमित संख्या-संसाधनों को ध्यान में रखने हुए अपनी भूमिका बनानी होगी. छात्र संगठन राष्ट्रहित के लिए सत्ता की दीवारों को हिलाने का अपने में सामर्थ्य बनाएं और जनजातीय क्षेत्रों में कार्य को भी अपने आन्दोलन में सम्मिलित सम्मिलित करें.
पत्रिका के संपादक श्री आशुतोष भटनागर जी ने बताया कि कहा कि अ.भ.वि.प. आंदोलनकारी जुझारू संगठन है , विश्वविद्यालय परिसर में अक्सर संवाद के जरूरत रहती है इसके लिए परिसर में वर्तमान कार्यकर्ताओं को राष्ट्रीय दृष्टि देने , उपयोगी साहित्य- सामग्री देने के लिए पत्रिका के माध्यम से कार्य किया जा रहा है. स्वामी विवेकानन्द जी की जयंती से इस विशेषांक को जोड़कर ‘ युवा भारत समर्थ भारत ’ नाम से इस बार का विशेषांक लोकार्पित किया गया है.
वरिष्ठ पत्रकार रामबहादुर राय जी छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि आज प्रदर्षित डॉकुमेंट्री जो राष्ट्रीय छात्र शक्ति पत्रिका के विकास पर आधारित है, हमें विद्यार्थी परिषद् के इतिहास में ले जाती है , कि विद्यार्थी परिषद की छात्र शक्ति 19 78 में निकली , उस समय विद्यार्थी परिषद को अपने विचार रखने के लिए एक मंच की जरूरत थी, जो इस पत्रिका से मिला. आने वाले वर्षों में विद्यार्थी परिषद के लिए छात्र शक्ति क्या करे, इस पर विचार की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि छात्र शक्ति की वेबसाईट भी शुरु करनी चाहिए. यह पत्रिका केवल अपने रंगीन पृष्ट, डिजाइन के लिए जाने जाने से ज्यादा अपनी सामग्री के द्वारा जानी जाने चाहिए. लोकार्पित विशेषांक में स्वामी विवेकानन्द को लेकर समर्थ भारत की कल्पना की गई है, जो सराहनीय है.
इससे पूर्व कार्यक्रम के आरम्भ में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की पत्रिका ‘ राष्ट्रीय छात्र शक्ति ’ की विकास यात्रा को एक डॉकुमेंट्री फिल्म के द्वारा कार्यक्रम में प्रदर्षित किया गया. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के इतिहास , छात्र आंदोलनों का विवरण , छात्रसंघ के प्रवाहमय कार्यों का पत्रिका में उल्लेख विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं के माध्यम से डॉकुमेंट्री में प्रदर्षित किया गया.
कार्यक्रम के समापन पर श्री संजीव सिन्हा ने माननीय दत्तात्रेय जी का स्मृति चिन्ह से अभिनन्दन किया , श्री अवनीश सिंह ने श्री रामबहादुर राय जी का अभिनन्दन किया , श्री अजीत सिंह जी ने विद्यार्थी परिषद् के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री श्री श्रीनिवास जी का अभिनन्दन किया. अमेरिका जोन के माननीय संघचालक डा. वेदप्रकाश नंदा जी तथा विद्यार्थी परिषद् दिल्ली प्रान्त की अध्यक्ष श्रीमती मनु कटारिया ने भी पत्रिका के विषय पर छात्रों को संबोधित किया. अंत में श्रीमती मनु कटारिया ने बड़ी संख्या में पहुंचे कार्यकर्ताओं व छात्रों का धन्यवाद किया.