Jalandhar Punjab September 22, 2016: After 47 days of grave injuries, RSS Punjab Pranth SahSanghachalak Brigadier (Rtd) Jagdish Gagneja(67) passed away on Thursday morning. He was shot at by unidentified miscreants on Aug 6, 2016 at Jyothi Chowk of Jalandhar, immediately taken to the hospital with grave injuries. Antim Kriya at held at 4pm at Jalandhar.
Gagneja was battling for life after being shot by two motorcycle-borne assailants in Jalandhar on August 6, died of multiple organ failure at Ludhiana’s Hero DMC Heart Institute on Thursday morning. He was 67.
Doctors said Gagneja’s condition worsened on Wednesday night. He was declared dead at 9.16am after cardiovascular collapse. Gagneja was on life support ever since he was brought to Ludhiana. His small intestine was damaged at five places and the large intestine at three points. A bullet was still stuck in the liver. The post-mortem was conducted amid tight security.
Punjab governor VP Singh Badnore, who was in Ludhiana, laid a wreath. RSS and BJP workers paid tributes amid slogans of ‘Bharat mata ki jai’ and ‘Vande mataram’. There was resentment among them over the police failure to arrest the attackers.
RSS expressed deep condolences for the demise of Jagdish Gagneja. A local RSS functionary read out the message of sangh general secretary Bhaiyyaji Joshi before the funeral. Gagneja’s son, Colonel Rahul Gagneja, performed the last rites.
जालंधर :राष्ट्रीय स्ययंसेवक संघ पंजाब प्रांत के सह संघचालक ब्रिगेडियर (सेवानिवृत) जगदीश गगनेजा जी का आज सुबह निधन हो गया. 06 अगस्त, 2016 की शाम जालंधर के ज्योति चौक पर अज्ञात हमलावरों ने उन्हें गोलियां मार कर गंभीर रूप से जख्मी कर दिया था. गगनेजा जी को अति गंभीर हालत में लुधियाना के दयानंद मेडिकल अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, जहां वीरवार 22 सितंबर की सुबह उनका स्वर्गवास हो गया.
गगनेजा जी बचपन से ही स्वयंसेवक थे और उनकी शिक्षा बठिंडा में हुई थी. सेना में कमीशन प्राप्त करने बाद वर्ष 1971 में उन्होंने आर्टलरी यूनिट ज्वाइन की. सेना में रहते हुए उन्होंने अनेक सामरिक गतिविधियों में हिस्सा लिया और अपनी श्रेष्ठतम सेवाओं से भारतीय सेना का गौरव बढ़ाया. सेवानिवृत्ति के बाद सन 2006 में वे जालंधर आ गए. सेवानिवृति के बाद भी वे निष्क्रिय हो कर नहीं बैठे बल्कि विभिन्न सामाजिक संगठनों के साथ जुड़ कर पुन: देश की सेवा में लग गए. इस दौरान वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के माध्यम से देशसेवा में लग गए. विभिन्न दायित्वों का निर्वहन करते हुए वर्तमान में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पंजाब प्रांत के सह संघचालक का दायित्व निभा रहे थे. वर्तमान में वे समन्वय का दायित्व भी संभाले हुए थे. उनके सम्मुख महत्त्वपूर्ण चुनौतियां थी कि राज्य में संघकार्य बढ़ाने के साथ-साथ अलगाववाद के दौरान पंजाबी समाज में जो दरार पैदा करने की कोशिश की गई थी उनको पाटना. समाज के सहयोग से गगनेजा जी ने इन दायित्वों का कुशलतापूर्वक निर्वहन किया. वर्ष 2014 में पंजाब में जहां 600 संघ शाखाएं थीं, वहीं आज इनकी संख्या बढ़ कर 837 हो गई है. गगनेजा जी के नेतृत्व में पंजाब के गांवों में संघकार्य अप्रत्याशित रूप से बढ़ा. वे निर्विवाद व निस्वार्थ व्यक्तित्व के स्वामी थे. स्वयंसेवकों के साथ उनका सीधा संबंध था. जीवन में सादगी इतनी थी कि प्रशासन ने उन्हें सुरक्षा उपलब्ध करवाने का आग्रह किया तो उन्होंने इसे सहजभाव से अस्वीकार कर दिया. उनका कहना था कि वे कोई विशिष्ट व्यक्ति नहीं, बल्कि इस देश के साधारण नागरिक हैं. पूरा देश उन्हीं का है और सभी मेरे भाई-बंधू हैं. मुझे अपने किसी बंधू से किसी तरह का कोई खतरा नहीं है.
जगदीश गगनेजा जी चाहे आज हमारे बीच नहीं रहे, परंतु अनुशासन, भ्रातृभाव, सादगी, मधुरभाषिता आदि गुणों के रूप में वे सदैव स्वयंसेवकों के बीच रहेंगे. उनके बलिदान ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को नई प्रेरणा व ऊर्जा दी है. गगनेजा जी का अंतिम संस्कार वीरवार 22 सितंबर, 2016 को सायं 4 बजे जालंधर छावनी के रामबाग में किया जाएगा.
Photo Courtesy: Hindustam Times