Kanpur November 24, 2012: Saints associated with Ram Janmabhoomi Nyas are mulling to launch a movement at the upcoming Maha Kumbh Mela to press the government for construction of a temple at Ayodhya, RSS chief Mohan Bhagwat said toda
y and assured his organisation’s full support to it.
Mohan Bhagwat was in the city to take part in a RSS function.
Speaking at the function he said, “The government should pass a bill in Parliament paving way for the construction of a grand temple in Ayodhya.”
But the possibility of passage of a bill for the purpose is bleak and we will support the movement being contemplated by a high-powered committee of saints.
“In the next Maha Kumbh, saints are thinking to launch a campaign so that a pressure could be built up for construction of temple in Ayodhya,” Bhagwat said.
RSS will extend its support to the movement and our cadre will work with full strength to covert it in into a mass movement, he said.
The matter is still pending in Supreme Court and chances are that it will not be resolved soon, Bhagwat said adding that both the communities should contribute in building the temple. (Inputs from Business Standard )
NEWS IN HINDI:
कानपुर। संघ की 87 वर्ष की आयु में जो कार्य बढ़ रहा है। उसका कारण संघ का लगातार सत्य पर चलना। संघ का कार्य राष्ट्र के लिये सर्वांगींण विकास के लिये चलता चला आ रहा है। हम सरकार पर निर्भर नहीं हैं, हमें राष्ट्रभक्त समाज का समर्थन प्राप्त है। राजनीति मत से चलती है संघ नहीं। भारत के चारों ओर जो देश हैं, जिसमें चीन, पाकिस्तान लंका, वर्मा, अफगानिस्तान, पाकिस्तान को छोड़कर बाकी सब देश हमारी ओर देख रहे हैं। पाकिस्तान हमारा हमेशा विरोधी देश रहा है। अपने देश में चारों ओर विकराल परिस्थितियाँ दिखती हैं पर उससे ज्यादा देश के अन्दर अच्छाइयाँ हैं। हमारे देश की संस्कृति हैं, दोनो हाथों से कमाओं और हजारों हाथों से बांटो। आज आजादी को 65 वर्ष हो गये परे देश की स्थिति वैसी ही बनी हुई है। उसका दोषी कौन है ? जब तक सज्जन शक्ति का एकत्रिकरण नहीं होगा। तब तक अनुकूल परिवर्तन आने वाला नहीं है। देश में व्याप्त भ्रष्टाचार के दोषी हम और आप और हमारी शिक्षा है। बच्चों को महापुरुषों के जीवन से परिचय कराना, बच्चों के साथ समय देना, बच्चों को संस्कारित करने का काम हमने छोड़ दिया है जिसका परिणाम समाज में व्याप्त भ्रष्टाचार है।
संघ का स्वयंसेवक अपनी रुचि के अनुसार किसी भी क्षेत्र में कार्य करने के लिए स्वतंत्र है। वह किसी भी राजनीतिक संगठन के लिए कार्य कर सकता है। यह विचार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक परमपूज्यनीय मोहन भागवत जी ने रागेन्द्रस्वरूप आडीटोरियम, सिविल लाइन्स, कानपुर में आयोजित ‘प्रबुद्धजन गोष्ठी’ में नगरवासियों का उत्तर देते हुए रखे। उन्होंने कहा कि बहुत से ऐसे संगठन हैं जिनमें संघ के स्वयंसेवक कार्य कर रहे हैं। जिन संगठनों में स्वयंसेवक प्रभावशाली होते हैं, उनमें संघ के विचारों का प्रतिबिम्ब दिखता है। स्वयंसेवक अपनी इच्छानुसार इन संगठनों का चुनाव करते हैं। स्वयंसेवक होने के नाते वे समय-समय पर हमसे मार्गदर्शन एवं सहायता लेते रहते हैं। किन्तु इन संगठनों की प्रथक कार्यप्रणाली होती है। संघ का उसमें कोई भी हस्तक्षेप नहीं होता है। इसी प्रकार राजनीति में स्वयंसेवक किसी भी दल को चुनने के लिये स्वतंत्र होते हैं। स्वभाववश वे ऐसे दल में जाते हैं, जहाँ राष्ट्रभक्ति की प्राथमिकता हो। स्वयंसेवक भाजपा सहित शिव सेना आदि विभिन्न राजनीतिक दलों में कार्य कर रहे हैं। वर्तमान प्रधानमंत्री जब वित्तमंत्री थे। तो संघ के कुछ स्वयंसेवक राष्ट्रजागरण के अन्तर्गत उनको संघ का साहित्य देने केे लिये गये। मनमोहन सिंह ने कहा कि संघ वाले हमेशा भाजपा का समर्थन करते हैं, उन्होंने कभी हमारा समर्थन नहीं किया। इस पर स्वयंसेवकों ने कहा कि आपने कभी हमसे समर्थन मांगा ही नहीं तो हम कैसे देते? मनमोहन सिंह ने इस सत्य को स्वीकार किया।
अयोध्या में राममन्दिर पर पूछे गये प्रश्न का उत्तर देते हुये सरसंघचालक जी ने कहा कि राम मन्दिर पर कोई भी निर्णय संतों की उच्चाधिकार समिति करती है। अयोध्या में राम मन्दिर बनाने के लिये संसद में इस पर कानून बनना आवश्यक है। इसके लिये जनजागरण करना होगा। सम्भवतः प्रयाग के महाकुम्भ में इस पर कुछ निर्णय हो सकता है। संत समाज इस पर जो भी निर्णय लेगा। संघ पूरी ताकत से इसमें सहयोग करेगा।
इसी प्रकार असम से जुड़े प्रश्न का उत्तर देते हुये भागवत जी ने कहा कि असम में दो प्रकार के घुसपैठिये हैं; एक जो किसी समस्या के कारण भारत में आये हैं, दूसरे बिना किसी विशेष कारण भारत में आकर बस गये हैं। इन घुसपैठियों को राजनीतिक दल वोटों के लालच में समर्थन कर रहे हैं जिसके कारण समस्या और विकराल होती जा रही है। न्यायालय ने इस समस्या का समाधान बताते हुये कहा है कि बांग्लादेशी घुसपैठियों को पहले ढूंढे़, चिन्हित करें, उसके उपरान्त उन्हें बांगलादेश भेज दें। जब तक यह नहीं हो जाता है। उनके लिये अलग शरणार्थी शिविर बनाये जायें और उनका खर्चा बांगलादेश सरकार से लिया जाये।
देश का युवा संघ की ओर आकर्षित हो रहा है। वह अनेक प्रकल्पों के माध्यमों से हमारी विचार धारा से जुड़ रहा है। युवाओं को जहाँ अच्छा दिखता है वहाँ वो पहुँच जाता है। देश के कई महानगरों में रात्रि शाखाओं में युवा बड़ी संख्याओं में आ रहे हैं। विद्यार्थी शाखायें बढ़ रही हैं। उनके आद्यतन विकास के लिए आईटी (तकनीकी) प्रशिक्षण तक की व्यवस्था संघ कर रहा है।
माननीय क्षेत्रसंघचालक ईश्वरचन्द्र जी प्रान्त संघचालक वीरेन्द्र जी कार्यक्रम के अध्यक्ष के0 बी0 अग्रवाल मंच पर उपस्थिति थे। मंचासीनों का परिचय कुंज बिहारी जी ने दिया। इस कार्यक्रम का मुख्य रूप से आनन्द जी प्रान्त प्रचारक, प्रान्त कार्यवाह ज्ञानेन्द्र जी सचान, विमल जी, मुकेश जी खाण्डेकर, अरविन्द जी, भवानी जी आदि उपस्थिति रहे। कार्यक्रम में विभाग संघचालक माननीय अर्जुनदास जी ने धन्यवाद ज्ञापित किया कार्यक्रम का समापन वन्देमातरम के साथ हुआ।