New Delhi July 26, 2016: RSS Sarasanghachalak Mohan Bhagwat along with Veteran BJP Leader LK Advani released a book “Compassion in 4 Dharmic Tradition” edited by Prof Ved Prakash Nanda and published by Prabhat Prakashan, in New Delhi on Tuesday evening.
RSS Akhil Bharatiya Prachar Pramukh Dr Manmohan Vaidya, Senior BJP leader Balbir Punj and many others attended the book releasing ceremony.
नई दिल्ली, 26 जुलाई, 2016 (इंविसंके). आज प्रो. वेद प्रकाश नंदा द्वारा संकलित एवं प्रभात प्रकशन से पुस्तक Compassion in 4 Dharmic Tradition’ के विमोचन के अवसर पर आरएसएस के सरसंघचालक प.प. डॉ. मोहन राव भागवत जी ने कहा कि करुणा के आभाव में क्या-क्या हो रहा है. ये सब वर्त्तमान में हम सभी अनुभव कर रहें हैं, समाचार पत्र-पत्रिकाओं के माध्यम से पढ़ भी रहे हैं तथा न्यूज़ चैनलों के माध्यम से टीवी स्क्रीन पर देख भी रहें है. इसे बताने की आवश्यकता नहीं है.
उनहोने कहा कि करूणा के बिना धर्म नहीं है अर्थात धर्म का अस्तित्व ही नहीं हो सकता है. धर्म किए चार घटक हैं – 1. सत्य, 2. तप, 3. पवित्रता और सबसे महत्वपूर्ण और इसके बिना ये तीनों भी अधूरे हैं, वह है – “करुणा.”
आगे कहा कि करूणा के बिना धर्म टिक भी नहीं सकता. दुःख की बात है कि आजकल की दुनिया में करुणा का लोप हो गया है.
आगे कहा कि सत्य की कठोरता को जीवन में उतारने के लिए करूणा की शक्ति रुपी छननी से उतारना होता है. मनुष्य के नाते ये कर्तव्य नहीं कि वो किसी को दुखों से बहार निकाल दे. बल्कि, उसके अन्दर करुणा का भाव जागृत कर भर दे. करुणा जिस मनुष्य के अंतःकरण में विद्यमान हो जाएगी वह स्वतः ही दुखों का निवारण कर लेगा अर्थात जिसके अन्दर करुणा का भाव होगा वह कभी भी द्वेष से ग्रषित नहीं होगा. जब देश ही इंसान के अन्दर नहीं होगा तो उसे दुःख कहाँ से ग्रसित करेगा?
आगे कहा कि जो सबको ठीक रखता है, एक साथ जो सबको सुख देता है, एक साथ जो सबको प्रेम देता है, उसी को धर्म कहते हैं. उसी को तो खुशी कहते हैं. यानि ये सभी क्रियांएँ मनुष्य के अन्दर सम्पन होता है सिर्फ और सिर्फ एक ही तत्व से, वह तत्व है करुणा का भाव. ये सभी एक साथ साधने वाली बात ही धर्म है.
आगे कहा कि धर्म के चार घटक हैं. पर, उसका सबसे उत्तम घटक करुणा है. जिस भी मनुष्य में करुणा नहीं है तो उसकी अर्थात धर्म की धारणा ही नहीं है.
आगे कहा कि कई बार जड़वाद के चलते धर्म में अतिवादता उत्पन्न होता है. जो ठीक नहीं है. और ये भी सत्य है कि धार्मिक परंपराएँ कर्मकांड नहीं होती हैं.
आगे कहा कि कुछ सौं वर्षों से हमने अपनी परम्पराओं को छोड़कर, भुलाकर ऊपर की छोर को पकड़ना शुरू कर दिया है. जो समाज में उत्पात मचाया हुआ है.
आगे कहा कि धर्म के तीनों तथ्यों सत्य, तप और पवित्रता को चरित्रार्थ करने के लिए करूणा की आवश्यकता होती है. बौद्ध धर्म बुद्ध को करूणा का अवतार ही कहते ही नहीं बल्कि मानते हैं.
आगे कहा कि सारे विश्व में करूणा के आभाव में जो स्वार्थ और तांडव चला हुआ है. उसे समाप्त करने के लिए संसार में करूणा का प्रचालन शुरू करना होगा. जिसे संसार में फिर से हिन्दु यानी हिंदुस्तान ही आगे बढ़ा सकता है अर्थात विश्व का मार्गदर्शन करेगा. करूणा को अपने अन्दर लेकर जब हम सभी चलेंगे तो एक दिन ऐसा समय आएगा कि फिर से हम सभी जिस धर्म की स्थापना करना चाहते हैं उसे साकार कर देंगे.
कार्यक्रम में लाल कृष्ण अडवाणी जी ने कहा कि इस पुस्तक को लिखकर प्रो. वेद जी हिन्दू, बौद्ध, जैन और सिख धर्म के भावों के बारे में बताया है. इन चारों धर्मों में एक ही भाव है और वही इनके मूल भी है. वह भाव करूणा है और करूणा से ही धर्म है अर्थात धर्म में करूणा है.
आगे बोलते हुए अडवाणी जी ने कहा कि इन चारों अलग-अलग धर्मों में जिसे भी विशवास है. उनको करुणा का भाव सीखाने के लिए या कहूँ कि हम सभी के अन्दर जगाकर अंतःकरण में स्थापित करने के लिए प्रो. वेद जी ने ‘Compassion in 4 Dharmic Tradition’ को हम सभी के सामने प्रस्तुत किया है.
आगे बोला कि जो दुसरे धर्मों की निंदा करता है वह कभी अपने धर्म का भी हितैषी नहीं हो सकता. क्योंकि, उसके अन्दर करुणा का भाव नहीं होता है. जब कोई भी व्यक्ति सभी धर्मों की विचारधारा को मानते हुए, अपने धर्म की विचारधारा से मिलान कराता है. तो वह कभी भी अपने धर्म को नहीं छोड़ता. बल्कि, वह अपने धर्म की करूणा के भाव को प्रदर्शित करता है.
प्रो. वेद प्रकाश नंदा द्वारा संकलित एवं प्रभात प्रकशन से पुस्तक ‘Compassion in 4 Dharmic Tradition’ के विमोचन का कार्यक्रम स्पीकर हॉल, कांस्टीट्यूशन क्लब, नई दिल्ली में संपन्न हुआ. ‘Compassion in 4 Dharmic Tradition’ पुस्तक का विमोचन आरएसएस के सरसंघचालक प.प. डॉ. मोहन राव भागवत जी ने किया. कार्यक्रम के मुख्य भूतपूर्व उप प्रधानमंत्री, भारतीय राजनीति के शिखर पुरुष कहे जाने वाले एवं वर्त्तमान में बीजेपी के लोकसभा सांसद श्री लाल कृष्ण अडवाणी थे. कार्यक्रम में मंच संचालन प्रभात प्रकाशन के प्रभात कुमार ने किया.