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अमृतसर (विसंके). पर्यावरण प्रदूषण व नशे की समस्या बच्चों को दिए जाने वाले अच्छे संस्कारों से ही हल होगी. शिक्षा का उद्देश्य बच्चों को संस्कारित करना होना चाहिये. परंतु जब तक सरकारों के स्तर पर संस्कारवान शिक्षा का प्रारंभ नहीं किया जाता, तब तक हम अपने बच्चों को संस्कारविहीन रखने का जोखिम नहीं उठा सकते. यह विचार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के परम पूजनीय सरसंघचालक डा. मोहन भागवत ने गुरु नानक देव हाल में माधव राव मुले सेवा ट्रस्ट की ओर से आयोजित सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए व्यक्त किये.

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खचाखच भरे हाल को संबोधित करते हुए डा. भागवत ने कहा कि पहले परिवारों में कहानियों के रूप में बच्चों को संस्कार दिये जाते थे, परंतु आज यह परंपरा कमजोर पड़ती जा रही है, जिसके दुष्परिणाम भी हमारे सामने हैं. हमें बचपन से ही सिखाना होगा कि जीवन में पर्यावरण की रक्षा कैसे करनी है और नशा किस तरह हानिकारक है. उन्होंने कहा कि बहुत से महापुरुषों ने अपने जीवनवृतांतों  में लिखा कि उनके विदेश जाने से पहले उनके माता-पिता ने उन्हें नशों से दूर रहने की शिक्षा दी थी और उसी के बल पर वे इस बुराई से दूर रहे. उन्होंने कहा कि बच्चे इस देश का भविष्य हैं और हमें देश का भविष्य बनाने से पहले बच्चों को संस्कारवान बनाना होगा.

माधव राव मुले जी के देशप्रेम पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि स्वार्थ और मजबूरी के चलते कुछ समय तो अच्छे काम किये जा सकते है परंतु लंबे समय तक नहीं. आजीवन सेवा कार्य तभी संभव है जब, दूसरों के प्रति आपके मन में शुद्ध प्रेम भाव हो. माधव राव जी ने अपना जीवन देश की सेवा में इसलिये लगाया, क्योंकि उनको देश और देशवासियों से प्यार था. उन्होंने मंगलयान की सफलता पर देशवासियों को बधाई दी और कहा कि भारतीय वैज्ञानिकों ने देश का सिर गर्व से ऊंचा उठा दिया है.

इससे पूर्व, माधव राव मुले सेवा ट्रस्ट के सीमावर्ती इलाकों में चल रहे बाल संस्कार केंद्रों के बच्चों व शिक्षिकाओं ने पर्यावरण संरक्षण और देशप्रेम के संदेश से ओतप्रोत सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये.

अपने अध्यक्षीय भाषण में श्री राजकुमार गुप्ता ने माधव राव मुले जी के जीवन से जुड़े संस्मरण सुनाये और बताया कि किस तरह उन्होंने देश विभाजन के समय रावलपिंडी, लाहौर सहित पाकिस्तान के विभिन्न शहरों में से लाखों हिंदू-सिखों को सुरक्षित बाहर निकाला और स्वयं कार्यकर्ताओं के साथ बाद में वहां से आये. यहां पर आकर उन्होंने शरणार्थी राहत समीतियां बनाईं और लाखों लोगों को राहत दी.

ट्रस्ट के महासचिव श्री कृष्ण अरोड़ा ने सभी अधिकारियों का परिचय करवाया. ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री अमृतलाल धवन ने आगत गणमान्यों का आभार जताया. इस अवसर पर ट्रस्ट के पदाधिकारियों व संस्कार केंद्रों के संचालकों को सम्मानित किया गया. कार्यक्रम का कुशल संचालन श्री राजीव नेब ने किया. हिंदू जागरण मंच के अखिल भारतीय संयोजक श्री अशोक प्रभाकर, उत्तर क्षेत्रीय प्रचारक श्री रामेश्वर, प्रांत प्रचारक श्री किशोरकांत, सह-प्रांत प्रचारक श्री प्रमोद कुमार और सह-प्रांत कार्यवाह श्री अमृतसागर की उपस्थिति उल्लेखनीय थी. कार्यक्रम में श्री सुरेश साठे जी द्वारा लिखित पुस्तक ‘पंजाब में संघ का विस्तार’ का लोकार्पण भी किया गया.

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