New Delhi July 07: RSS Sah-sarakaryavah Dattatreya Hosabale, BJP Veteran LK Advani jointly released book on Jammu Kashmir in a programme held in NewDelhi on Saturday evening.
The Congress too had opposed Article 370 in the constituent assembly: L K Advani
New Delhi, 07 July: L K Advani said that even the Congress had vehemently opposed the Article 370 in the constituent assembly. He said this while speaking at an event organized to launch the book “Jammu-Kashmir’s untold stories” at the National Museum.
L K Advani mentioned that several leaders of the Congress had then expressed the same reservations against Article 370 as those of the BJP today. He said that Late Jawaharlal Nehru after finalizing the Article 370 with Sheikh Abdullah, had approached the then leader of the Congress, Gopalswamy Ayyangar, and had requested him to propose the Article in the Constituent Assembly as he was about to travel abroad. Advani said that when the proposal was made, many leaders of the Congress had vehemently opposed it and had even termed it as a joke. The Congress leaders had said that the same provisions that were made for the other 564 princely states should also be made for Jammu-Kashmir and not any separate or special provision for it, Advani told the audience. They sought the support of Late Sardar Vallabhai Patel and despite that were not able to garner enough support so as to defeat the proposal.
Advani said that even for the accession of Hyderabad, Nehru had infact wanted to go to the UN. When the Nizam of Hyderabad has opposed accession to India, Sardar Patel had threatened military action and this had angered Nehru and he had told Patel in a meeting that the issue has to be taken to the UN. Sardar Patel did not heed to Nehru and made preparations for military action. But after this, Patel stopped attending the cabinet meetings thereafter, Advani said.
The author of the book, Dr.Agnihotri while speaking on the topic, said that then prominent political party of Jammu-Kashmir, Praja Parishad, had organized a historical agitation over several issues in the 1950’s. During this agitation several thousands of ‘satyagrahis’ were imprisoned and 15 of them fell to the bullets of the police and attained martyrdom. Bharatiya Jansangh’s president Shyama Prasad Mukherjee was arrested while he was supporting the agitation. He died in mysterious circumstances in a jail in Srinagar and thus became independent India’s first martyr, the author said.
Sah Sarkaryavaha of the RSS, Shri. Dattatreya Hosabale spoke on the occasion and said that we need to see Jammu-Kashmir away from Nehru’s perspective. Many people raised lot of hue and cry over Advani ji’s blog on Article 370 but the selfsame individuals are silent on reservations not being provided to the SC/ST’s in Jammu-Kashmir and several welfare measures not being implemented in the state, he said. He also said that the people of the country need to know the truth of Shyama Prasad Mukherjee’s mysterious death. There needs to be a change in the perspective of viewing Jammu-Kashmir and a country-wide debate has to happen on why the conditions there have turned to the worse, Hosabale said.
On this occasion, the Chairman of Jammu-Kashmir Study Center, Jawahar Lal Kaul thanked the author Dr.Kuldip Chand Agnihotri for bringing out the true facts of the ‘Praja Parishad’ agitation and about Jammu-Kashmir in the form of this book. He also said that Jammu-Kashmir Study Center will continue to support further research on various topics regarding Jammu-Kashmir. The present Organization Chief of Praja Parishad, Bhagwat Swarup was felicitated by L K Advani with flowers and was presented with a shawl. The event was administered by Prabhat Kumar. Several intellectuals and prominent leaders like Vijay Kumar Malhotra, Ram Lal, Lakshmi Narayan Bhaala, JP Nadda were present on the occasion.
Details in Hindi is given below:
संविधान सभा में धारा 370 का कांग्रेस ने भी किया था विरोध: लालकृष्ण आडवाणी
नई दिल्ली, 07 जुलाई। जम्मू कश्मीर के लिए धारा 370 का कांग्रेस ने भी संविधान सभा मे कड़ा विरोध किया था। उक्त बात भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने राष्ट्रीय संग्रहालय में आयोजित “जम्मू-कश्मीर की अनकही कहानी” के पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में कहीं।
भारतीय जनता पार्टी लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि अनुच्छेद 370 को लेकर जो आपत्ति हमे है कांग्रेस के भी कुछ नेताओ ने भी ऐसी ही आपत्ति की थी। उन्होने कहा कि दिवंगत प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने शेख अब्दुल्ला के साथ संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानो को अंतिम रूप देने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गोपालास्वामी अय्यंगर से कहा कि वह विदेश जा रहे है और संविधान सभा मे अब उन्हे ही इस प्रस्ताव को रखना होगा।
भाजपा नेता ने कहा कि जब यह प्रस्ताव रखा गया तो कांग्रेस के सदस्यो ने इसका कड़ा विरोध करते हुए कहा यह क्या तमाशा है। आडवाणी ने कहा कि कांग्रेस के सदस्यो ने कहा कि देश के 564 रजवाडो की तरह जम्मू कश्मीर के लिए भी वही प्रावधान होने चाहिए और अलग प्रावधान की जरूरत नहीं है। उन्होने इस प्रस्ताव को पारित कराने के लिए दिवंगत गृह मंत्री सरदार पटेल की मदद ली। इसके बावजूद उन्हे र्समथन जुटाने मे काफी दिक्कत हुई।
उन्होने कहा कि पंडित नेहरू हैदराबाद के विलय के मामले को भी संयुक्त राष्ट्र ले जाना चाहते थे। जब हैदराबाद की ओर से विलय का विरोध किया गया और सरदार पटेल ने सैन्य कार्रवाई की धमकी दी तो नेहरू काफी गुस्सा हुए और उन्होने सरदार पटेल के साथ बैठक मे कहा कि यह मामला संयुक्त राष्ट्र मे जाना चाहिए। लेकिन सरदार पटेल ने उनकी बात नहीं मानी और सैन्य कार्रवाई की तैयारी की। भाजपा नेता ने कहा कि इसके बाद सरदार पटेल ने मंत्रिमंडल की बैठको मे जाना बंद कर दिया।
पुस्तक के लेखक डा. अग्निहोत्री ने विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर के प्रमुख राजनीतिक दल प्रजा परिषद ने पिछली शताब्दी के पाचवें दशक में राज्य के विभिन्न मुद्दोंको लेकर एक ऐतिहासिक आंदोलन चलाया था। इस आंदोलन में हजारों सत्याग्रही कारागार में बंद रहे। पंद्रह सत्याग्रहियों ने पुलिस की गोलियों का शिकार होकर शहादत हासिल की। भारतीय जनसंघ के संस्थापक अध्यक्ष श्यामा प्रसाद मुखर्जी इसी आंदोलन का समर्थन करते हुए जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा गिरफ्तार किया गये। श्रीनगर की जेल में उनकी रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गयी। देश के पहले शहीद होने का श्रेय डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को जाता है।
कार्यक्रम में संघ के सह सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को नेहरू के चश्मे को किनारे रख कर देखने की आवश्यकता है। आडवाणी के ब्लॉग पर धारा 370 के विषय में लिखे जाने पर कुछ लोग इतना शोर मचाते है लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं देता है कि जम्मू-कश्मीर में एसी एटी को आरक्षण नही है, वहां पर जन कल्याणकारी एवं विकासात्मक कानून क्यों लागू नहीं है। श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मौत इतनी रहस्यमय परिस्थितियों में हुई देश की जनता जानना चाहती है। डॉ. मुखर्जी की मौत का सच सामने आना चाहिए। देश में जम्मू-कश्मीर को देखने की एक मनोदशा बन गई है। जम्मू-कश्मीर के ऐसे हालत कैसे हो गये, इसकी चर्चा देश में होनी चाहिए।
इस अवसर पर जम्मू-कश्मीर अध्ययन केन्द्र के अध्यक्ष जवाहर लाल कौल ने पुस्तक के लेखक डॉ.कुलदीप चन्द्र अग्निहोत्री को प्रजा परिषद आंदोलन के इतिहास को दस्तावेज और जम्मू-कश्मीर के बारे में सही तथ्यों को पुस्तक का रूप देने के लिए बधाई दी। उन्होंने भविष्य में भी जम्मू-कश्मीर अध्ययन केन्द्र द्वारा जम्मू-कश्मीर से जुड़े विभिन्न विषयों शोध कार्य को प्रोत्साहित करने की भी बात कही। इस मौके पर प्रजा परिषद पार्टी के तत्कालीन संगठन मंत्री भगवत स्परूप को लालकृष्ण आडवाणी ने पुष्प गुच्छ और शॉल भेट कर सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन प्रभात कुमार ने किया। इस मौके पर विजय कुमार मल्होत्रा, रामलाल, लक्ष्मी नारायण भाला, जेपी नड्डा सहित तमाम बुद्धिजीवी वर्ग के लोग मौजूद रहें।