हिन्दुत्व के पुरोधा अशोक सिंहल पंचतत्त्व में विलीन, अंतिम दर्शनों के लिए उमड़ा जनसैलाब
नई दिल्ली नवम्बर 18, 2015। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत तथा सरकार्यवाह श्री सुरेश (भय्याजी) जोशी ने अपने सन्देश में शोक प्रकट करते हुए कहा कि स्वर्गीय अशोक जी सिंघल के निधन से सारे विश्व के हिन्दू समाज को गहरा शोक हुआ है. उनके लम्बे संघर्षमय जीवन का अंत भी मृत्यु के साथ लम्बा संघर्ष करते हुए हुआ. श्री अशोक जी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक थे. संघ की योजना से उन्हें विश्व हिन्दू परिषद का दायित्व दिया गया था.
विश्व हिन्दू परिषद के माध्यम से हिन्दू समाज में चैतन्य निर्माण करते हुए उन्होंने हिन्दू समाज का सिंहत्व जाग्रत किया. श्री रामजन्मभूमि मंदिर निर्माण आन्दोलन को एक महत्व के मुकाम पर लाने में उनकी महत्व की भूमिका रही है. भारत के सभी श्रेष्ठ साधू – संतों के साथ सतत आत्मीय संपर्क के कारण उन्होंने सभी साधू – संतों का विश्वास एवं सम्मान अर्जित किया था. हिंदुत्व के मूलभूत चिन्तन का उनका गहरा अध्ययन था जो उनके वक्तव्य एवं संवाद द्वारा हमेशा प्रकट होता था.
ऐसे एक सफल संगठक एवं सक्रिय सेनापति को हिन्दू समाज ने आज खो दिया है. गत कुछ दिनों से अपने स्वास्थ्य के कारण विश्व हिन्दू परिषद् का कार्यभार अपने सुयोग्य साथियों को सौंप कर मार्गदर्शक के रूप में वे कार्य कर रहे थे. स्वतंत्र भारत के हिन्दू जागरण के इतिहास में श्री अशोक जी का संघर्षशील एवं जुझारू नेतृत्व सदा के लिए सभी के स्मरण में रहेगा.
उनकी दिवंगत आत्मा को सद्गति प्रदान हो ऐसी हम परमात्मा से प्रार्थना करते है.
आज सायं 18 नवम्बर को विश्व हिन्दू परिषद के संरक्षक व हिन्दुत्व के पुरोधा श्री अशोक सिंहल पंचतत्त्व में विलीन हो गए। दिल्ली के निगम बोध घाट पर उनको मुखाग्नि देते समय पूरा निगम बोध घाट खचाखच भरा था। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के झण्डेवालान स्थित कार्यालय से जब उनकी अन्तिम यात्रा निकली तो दिल्ली के रानी झांसी रोड, फिल्मीस्तान, तीस हजारी व अन्तर्राष्ट्रीय बस अड्डा होकर जानेवाले मार्ग पर दोनों ओर हजारों की संख्या में खड़ा जनसमुदाय अपने लोकप्रिय व चहेते नेता के अन्तिम दर्शनों के लिए उमड़ पड़ा। पूरी शवयात्रा के दौरान हुई पुष्प वर्षा, जय श्री राम का उद्घोष तथा मार्ग के दोनों ओर लगे भगवाध्वज मानों श्री अशोक जी के स्वागत के लिए खड़े थे।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह श्री सुरेश भैया जी जोशी ने अपनी श्रद्धांजली व्यक्त करते हुए कहा कि ‘स्वर्गीय अशोक जी ने हिन्दू समाज के लिए दिशा दर्शन ही नहीं अपितु प्रशस्त्र मार्ग निर्माण किया है। उनके जीवन की शुद्धता, विचारों के प्रति प्रतिबद्धता, हिन्दू समाज के प्रति समर्पण और जीवन भर की सक्रियता, यही उनके जीवन का हम सबके लिए सन्देश है। मैं उन्हें अपनी श्रद्धांजली अर्पण करता हूँ।
विश्व हिन्दू परिषद् के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री राघव रेड्डी ने जहाँ श्री अशोक जी के निधन को एक युग के अंत की संज्ञा दी है वहीं कार्याध्यक्ष डा. प्रवीण भाई तोगडि़या ने कहा की ‘हिन्दू हृदय सम्राट, राम मंदिर आन्दोलन के महानायक तथा हिन्दू अस्मिता के प्रहरी अशोक जी ने भव्य राम मंदिर के दर्शन के बिना ही शरीर छोड़ दिया। संसद में कानून बना कर भव्य राम मंदिर का निर्माण ही अशोक जी सिंघल के स्वप्न को पूर्ण करेगा’। विहिप. के अन्तर्राष्ट्रीय संगठन महामंत्री श्री दिनेशचन्द्र ने कहा कि श्री अशोक जी की जहाँ गौ, गंगा व संत समाज में गहरी आस्था थी वहीं वे समाज के निम्नतम स्तर को उचित दर्जा दिलाने के लिए जीवन भर जुटे रहे।
भाजपा अध्यक्ष श्री अमित शाह ने अपने श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि अशोक जी की कर्तव्यनिष्ठा और हिन्दू समाज के प्रति उनका समर्पण सदैव याद रहेगा।
संघ कार्यालय में कल रात्रि 11 बजे से आज दोपहर 2 बजे तक श्री अशोक सिंहल के अंतिम दर्शनार्थ एक बड़ा जनसमुदाय उमड़ा। उनके अंतिम दर्शन करनेवालों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह-सरकार्यवाह डा. कृष्णगोपाल जी तथा श्री भगय्या जी, विश्व हिन्दू परिषद के कार्याध्यक्ष श्री अशोक चैगुले, उपाध्यक्ष श्री ओमप्रकाश सिंहल, महामंत्री श्री चम्पतराय, संगठन महामंत्री श्री दिनेश चन्द्र, संयुक्त महामंत्री डा. सुरेन्द्र जैन, स्वामी विज्ञानानन्द व श्री विनायकराव देशपाण्डेय, भाजपा के संगठन महामंत्री श्री रामलाल, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी, लोकसभा अध्यक्षा श्रीमति सुमित्रा महाजन, गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह, वित्तमंत्री श्री अरूण जेटली, विदेशमंत्री श्रीमति सुषमा स्वराज, कृषि मंत्री राधामोहन सिंह, साध्वी उमा भारती व धर्मेन्द्र प्रधान, जनरल वी.के. सिंह, मनोज सिन्हा, स्मृति ईरानी, कलराज मिश्र, साध्वी निरंजन ज्योति, मनोहर पार्रिकर, श्रीपद नाईक, प्रकाश जावेडकर, कृष्णपाल गुर्जर, राज्यवर्धन, जैसे अनेक भारत सरकार के मंत्रियों ने उनके अंतिम दर्शन किए। नेपाल और भूटान के राजदूत श्री दीपकुमार उपाध्याय तथा श्री वी.एम.नामजीन के साथ अनेक राज्यों के राज्यपाल और मुख्यमंत्रियों के साथ-साथ साध्वी ऋतम्भरा, डा. सुब्रह्मयम् स्वामी, सांसद साक्षी महाराज व लल्लू सिंह सहित अनेक धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, शैक्षणिक व राजनीतिक संस्थाओं के प्रमुख लोगों ने भी अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए।