New Delhi June 5: Veteran RSS Pracharak Sohan Sing, 93years, passed away in New Delhi on July 4, 2015. Sohan Sing served as the First Akhil Bharatiya Pramukh of Dharma Jagaran, an RSS initiative on creating awareness about Hinduism at rural areas.
संघ के वरिष्ठ प्रचारक और पूर्व मे राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, जम्मू-कश्मीर के प्रचारक रहे माननीय सोहनसिंह जी का स्वर्गवास कल 4 जुलाई 2015 को 93 वर्ष की आयु मे रात्रि 11.40 बजे हो गया है। अंतिम यात्रा आज 05 जुलाई 2015 को सायंकाल 04:00 बजे संघ कार्यालय केशवकुंज, झंडेवाला, देशबंधु गुप्ता मार्ग, नई दिल्ली से प्रारम्भ होगी। निगमबोध घाट पर अन्तिम संस्कार सायंकाल 05:00 बजे सम्पन्न होगा।
राजस्थान में करीब 20 साल तक एक तपी जीवन जीने वाले श्री सोहन सिंह जी को प्रदेश में संघ कार्य को युद्ध गति से विस्तार देने वाले योद्धा प्रचारक के रूप में जाना जाता है। जब वे राजस्थान आए थे तब यहां मात्र 500 शाखाएं थीं। उन्होंने प्राण-प्रण प्रयास करके उसे दुगुना कर दिया। हर जिले, हर तहसील और कस्बे में उन्होंने समर्थ और सक्षम कार्यकर्ताओं की टोली तैयार की। वे कठोर जीवन जीने वाले कार्यकर्ता हैं। न्यून से न्यूनतम आवश्यकताओं में अपना जीवन बसर करते हैं। राजस्थान में 1972 में आए और वर्ष 1987 तक यहां रहे। उनकी सबसे बड़ी विशेषता है कि उन्होंने दायित्व का सफल निर्वहन करने वाले स्वयंसेवकों का चयन कर उन्हें काम करने के लिए नियुक्त किया। अपनी बात सहज, लेकिन प्रभावी तरीके से कहते हैं। उनका कहना है कि भारत गांवों का देश है, गांवों से ही राष्ट्रीयता मजबूत होगी। हर गांव में संगठित हिन्दू शक्ति खड़ी हो, इसी को ध्यान में रखकर काम बढ़ाना होगा।
सोहन सिंह जी यानी “व्यवस्था” और अनुशासन के पर्याय। वर्ष 1985 में पाथेयकण प्रारंभ हुआ। उसे गांव-गांव तक पहुंचाने की योजना उन्होंने ही बनाई। आज पाथेयकण की प्रसार संख्या 1 लाख 50 हजार है। उ.प्र. के जिला बुलंदशहर के हर्चना गांव में 1923 की विजयादशमी के दिन सोहन सिंह जी का जन्म हुआ। 1942 में बी.एससी. की अन्तिम वर्ष की परीक्षा उन्होंने दी, लेकिन एक आन्दोलन में विश्वविद्यालय का रिकार्ड जल जाने की वजह से परिणाम घोषित नहीं हो पाया। छात्र रहते हुए ही वे संघ के सम्पर्क में आ गए। 1943 में मेरठ, 1944 में मेरठ और 1945 में नागपुर में क्रमश: प्रथम, द्वितीय और तृतीय वर्ष का संघ प्रशिक्षण प्राप्त किया। सर्वप्रथम वे दिल्ली में सायं मण्डल कार्यवाह बने। इसके बाद वे करनाल, अम्बाला छावनी, फिर करनाल, हरियाणा संभाग में तहसील प्रचारक से विभाग प्रचारक तक रहे। 1972 में वे जयपुर आ गए। 1987 तक वे विभाग, संभाग और बाद में प्रान्त प्रचारक बने। उसके बाद वे दिल्ली में धर्म जागरण अभियान से जुड़ गए। वर्ष 2000-2004 तक वे उत्तर क्षेत्र के प्रचारक प्रमुख रहे।
सोहनसिंह जी राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, जम्मू-कश्मीर के प्रचारक रहे । माननीय सोहनसिंह जी का स्वर्गवास 4 जुलाई 2015 को 93 वर्ष की आयु मे केशवकुंज झंडेवाला ,दिल्ली में रात्रि 11.40 बजे हो गया ।