New Delhi April 04: Pujya Mata Amrutanandamayi Devi inaugurated 3-day “Rashtriya Seva Sangam” organised by RSS inspired Seva Bharati in New Delhi on Saturday April 04th. The conclave will conclude on April 06th, Monday.
RSS Sarakaryavah Suresh Bhaiyyaji Joshi, RSS Sah Sah-sarakaryavah Dr Krishna Gopal, Industrialist Atul Gupta, President of Rashtriya Seva Bharati Surya Prakash Tenk, RSS Akhil Bharatiya Sah Seva Pramukh Ajith Mahapatra were present on the dias for the inaugural ceremony.
नई दिल्ली. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ कृष्ण गोपाल जी ने कहा कि सेवा का भारतीय दर्शन नर में नारायण को देखता है, सेवा के पीछे किसी उद्देश्य, लाभ की अपनी कामना नहीं होती. जिस सेवा के पीछे उद्देश्य होता है, या अपेक्षा निहित रहती है, वह सेवा व्यापार हो जाती है. भारतीय मौलिक दर्शन में सेवा के बदले केवल आनंद अनुभव होता है. हम सेवा के दौरान सेवितजन में परमात्मा के दर्शन करते हैं.
सह सरकार्यवाह शनिवार से समरसता नगर (होटल ब्लू सफायर, अलीपुर करनाल जीटी रोड) में आयोजित दूसरे राष्ट्रीय सेवा संगम के उद्घाटन सत्र में प्रतिनिधियों को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि अपनी सेवा का उद्देश्य है देश समाज में कोई भी व्यक्ति दीन हीन न रहे, लेष मात्र भी कष्ट न हो. मा कश्चित दुखभागभवेत, सर्वे भवंतु सुखिन की भावना है. हम भारत माता की जय बोलते हैं, पर यदि एक भी व्यक्ति कष्ट में रहा, पीड़ित रहा, शिक्षा विहीन रहा, तो भारत माता की जय अधूरी है. प्रत्येक व्यक्ति के दुख को दूर करना लक्ष्य है. उन्होंने कहा कि हमारे यहां सेवा में पूजा पद्धति या अन्य किसी आधार पर भेद नहीं किया जाता, सभी को चाहे वह किसी भी पूजा पद्धति को मानने वाला हो, परमात्मा का अंश मानकर सेवा की जाती है. सेवा के बदले कोई अपेक्षा करने पर वह अपवित्र हो जाती है. यह भारतीय मौलिक दर्शन है जो हमारे ऋषियों, साधु संतों, महापुरुषों ने हमें दिया है. हम मानते हैं कि किसी दुखी, पीड़ित की सेवा करने का अवसर मिला यह मेरा सौभाग्य है. कहा कि दुर्बल वर्ग के हर अभाव को दूर करना समाज के समर्थ वर्ग का दायित्व है. पहले चरण में हम चाहते हैं कि देश में कोई दीन-दुखी न रहे और दूसरे चरण में सारी दुनिया में ऐसी ही स्थिति का निर्माण कर दें.
सह सरकार्यवाह ने संघ संस्थापक डॉ हेडगेवार जन्मशताब्दी वर्ष 1989 का स्मरण करते बताया कि तत्कालीन सरसंघचालक परम पूज्य बाला साहब देवरस ने सेवा कार्य का विचार कार्यकर्ताओं के समक्ष रखा था. वंचित समाज के दुख-कष्ट को दूर करने के लिये क्या हम पांच हजार सेवा कार्यों से काम शुरू कर सकते हैं. उनके आग्रह या कहें विचार पर कार्यकर्ताओं ने प्राणपन से कार्य शुरू किया, वर्ष 1995 तक न केवल लक्ष्य को हासिल किया, बल्कि आगे बढ़े, 1995 तक देशभर में सात हजार सेवा कार्य चल रहे थे. और वर्ष 2015 तक देश भर में सेवा कार्यों की संख्या डेढ़ लाख तक पहुंच गई है. सह सरकार्यवाह जी ने आशा व्यक्त की कि अगले सेवा संगम तक कार्यकर्ताओं, सेवा भावी सज्जनों के उद्यम से सेवा कार्यों की संख्या दोगुनी हो जाएगी. कहा कि राष्ट्रीय सेवा भारती और संघ के स्वयंसेवक समाज, सेवाभावी, सक्षम, सम्पन्न लोगों को साथ लेकर लक्ष्य को प्राप्त करें.
डॉ कृष्ण गोपाल ने पिछले एक हजार वर्ष के पराधीनताकाल के दौरान संचित समस्याओं के उन्मूलन के लिये अब्दुल रहीम खानखाना जैसे कार्यकर्ताओं को तैयार करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि उनका मन यहां की संस्कृति और प्राणी मात्र में ईश्वर के दर्शन में रचबस गया था.
पूज्य माता अमृतानंदमयी अम्मा ने अपने आशीर्वचन में शांति एवं संतोष से परिपूर्ण विश्व के निर्माण का आह्वान किया. उन्होंने प्रेम, करुणा और सेवा के निष्काम भाव पर जोर देते हुए कहा कि यदि सम्पन्नता और निर्धनता की बड़ी खाई को भरने में देर लगी तो हिंसा और युद्ध से नहीं बचा जा सकेगा.
अम्मा ने बच्चों को सनातन सांस्कृतिक मूल्यों की शिक्षा देने की आह्वान करते कहा कि सेवानिवृत्त अध्यापकों को दो वर्ष अध्यात्म, नैतिक मूल्यों की शिक्षा प्रदान करने के लिये गांवों में जाना चाहिये. उन्होंने कहा कि नर को नारायण मानकर सेवा करना, सेवा का यह अवसर अनमोल है, इसे व्यर्थ न गवाएं. वर्तमान में सेवा को पेशा बना लिया गया है, यह समाज के लिये कैंसर के समान है. अम्मा ने राष्ट्रीय सेवा भारती की पत्रिका सेवा साधना का विमोचन किया.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह सेवा प्रमुख अजीत प्रसाद महापात्र ने कहा कि राष्ट्रीय सेवा भारती दुर्बल समाज के आंसू पोंछने के लिये अपेक्षित भाव पैदा करने के साथ ही उनमें स्वाभिमान जगाने का प्रयास कर रही है. सेवा कार्य में रत संस्थाओं को एक मंच पर लाना सेवा संगम का उद्देश्य है.
संगम के लिये गठित स्वागत समिति के अध्यक्ष और जी मीडिया समूह के अध्यक्ष सुभाष चंद्रा ने मंचस्थ महानुभावों और प्रतिभागी समस्त प्रतिनिधियों का स्वागत किया. मंच पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह सुरेश (भय्याजी) जोशी, व्यवसायी अतुल गुप्ता जी, राष्ट्रीय सेवा भारती के अध्यक्ष सूर्य प्रकाश टोंक उपस्थित थे.