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स्त्रोत: http://www.patrika.com/news.aspx?id=५६१६८०
अजमेर। गरीब नवाज की दरगाह, मक्का मस्जिद, मालेगांव और समझौता एक्सप्रेस में धमाके की साजिश रचने का अदालत को कबूलनामा सौंपने वाला स्वामी असीमानंद अपने बयान से पलट गया है।
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मंगलवार यहां सुनवाई के दौरान उसने राष्ट्रीय अनुसंधान एजेंसी (एनआईए) और आतंककारी निरोधक प्रकोष्ठ (एटीएस) पर शारीरिक एवं मानसिक दबाव डाल मन-मुताबिक बयान लिखवाने का आरोप लगाया है। उसने इस संबंध में अदालत को एक पत्र भी सौंपा। पत्र में उसने तमाम लिखित अपराध स्वीकारोक्ति और वादा माफ गवाह (सरकारी गवाह) बनने का प्रार्थना पत्र जांच एजेंसियों के दबाव में लिखना बताया है। साथ ही उसने सरकारी गवाह बनने की अर्जी निरस्त करने का अनुरोध किया।
उसने आरोप लगाया कि दिल्ली और पंचकुला में बयान से पूर्व जांच एजेंसियों ने उनके मुताबिक बयान नहीं देने पर विभिन्न मामलों में उसे और परिजन को फंसाने की धमकी दी। दिल्ली में बयान से पूर्व अनुसंधान अधिकारी अदालत कक्ष के बाहर मौजूद रहा। राजस्थान एटीएस ने डर दिखा उसे वादा माफ गवाह बनने की अर्जी लिखने के लिए मजबूर किया।
नहीं करने दिया वकील
स्वामी असीमानंद ने जांच एजेंसियों पर यह आरोप भी लगाया कि उसे अपने बचाव में वकील नहीं करने दिया जा रहा। जांच एजेंसियों ने धमकी दी है कि जैसा बताया जाए, बस वैसे बयान देते रहो। वकील करने की जरूरत नहीं है।
राष्ट्रपति को भी चिट्ठी
असीमानंद के अनुसार राष्ट्रपति को भी उसने जांच एजेंसियों के दबाव में अपराध स्वीकारोक्ति का पत्र लिखा है। यह पत्र उसने अंग्रेजी में लिखना बताया है।
सुनवाई 8 अप्रेल को
एटीएस एक बार फिर स्वामी असीमानंद एवं अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र पेश नहीं कर सकी। आरोप पत्र के लिए एटीएस ने पुन: समय मांगा है। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 8 अप्रेल को मुकर्रर की है।
स्त्रोत: http://www.patrika.com/news.aspx?id=५६१६८०
असीमानंद का ‘यू टर्न’, कहा- नहीं बनना चाहा सरकारी गवाह |
अजमेर. दरगाह समेत देश के अन्य हिस्सों में हुए बम ब्लास्ट के मास्टर माइंड बताए जा रहे स्वामी असीमानंद उर्फ नबकुमार सरकार ने मंगलवार को यह कहकर सनसनी फैला दी कि जांच एजेंसियों ने उस पर दबाव डाल कर कबूलनामा करवाया था। असीमानंद ने सीबीआई, एआईए और राजस्थान एटीएस पर प्रताडि़त करने का आरोप लगाया है। असीमानंद ने सीजेएम आरएल मूंड के समक्ष अर्जी दायर कर कहा कि उसकी ओर से दरगाह ब्लास्ट में अप्रूवर (सरकारी गवाह) बनने के लिए जो चि_ी दी गई है, उसे वह वापस लेना चाहता है। असीमानंद का कहना है कि एटीएस ने दबाव डालकर उसे अप्रूवर बनाने का प्रयास किया है। अदालत ने अर्जी पर सुनवाई के लिए 8 अप्रैल की पेशी तय की है। |
स्त्रोत : http://epaper.bhaskar.com/epapermain.aspx?edcode=14&eddate=3/30/2011&querypage=14