ಗುರುವ ಸ್ಮರಿಸಿ ಗುರಿಯ ನೆನೆಸಿ ಒಂದು ಸುವ್ಯವಸ್ಥಿತ, ವೈಭವಶಾಲಿ ಸಮಾಜ ನಿರ್ಮಾಣಗೊಳ್ಳುವುದು ಆ ಸಮಾಜದಲ್ಲಿನ ಪ್ರತಿಯೊಬ್ಬ ವ್ಯಕ್ತಿಯ ಚಿಂತನೆಯಿಂದ...
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Next month, the country’s present Rashtrapati, Smt. Pratibha Devisingh Patil, will be demitting office,...
ಇಂದಿಗೆ ಸರಿಯಾಗಿ 37 ವರ್ಷಗಳ ಹಿಂದೆ, ಅಂದರೆ 1975ರ ಜೂನ್ 25ರಂದು ಆಗ ಪ್ರಧಾನಿಯಾಗಿದ್ದ ಇಂದಿರಾಗಾಂಧಿ ಆಂತರಿಕ ತುರ್ತುಪರಿಸ್ಥಿತಿಯನ್ನು ಸಾರಿ ಮೂಲಭೂತ ಸ್ವಾತಂತ್ರ್ಯಗಳನ್ನು...
by MG Vaidya, RSS Veteran हमारे देश में ‘सेक्युलर’ शब्द का खूब हो-हल्ला मचा है. यह हो-हल्ला मचाने वाले, ‘सेक्युलर’ शब्द का सही अर्थ ध्यान में नहीं लेते और वह शब्द राजनीतिकप्रणाली में कैसे घुसा यह भी नहीं समझ लेते. ‘सेक्युलर’ का अर्थ ‘सेक्युलर’ शब्द का अर्थ है इहलोक से संबंधि, ऐहिक. अंग्रेजी में this-worldly. इसका परमेश्वर, अध्यात्म, परमार्थ, पारलौकिक, ईश्वर की उपासना याआराधना और उस उपासना का कर्मकांड, से संबंध नहीं. क्या कोई व्यक्ति सही में ‘सेक्युलर’ रहेगा? रह भी सकता है. लेकिन फिर वह व्यक्ति नास्तिक होगा.चार्वाक के समान या कार्ल मार्क्स के समान. चार्वाक ने कहा है : यावज्जीवं सुखं जीवेत् ॠणं कृत्वा घृतं पिबेत् | भस्मीभूतस्य देहस्य पुनरागमनं कुत: | मतलब जब तक जीवित है, आनंद से जीएं. चाहे तो कर्ज निकालकर घी पिएं (मतलब चैन से जीवन व्यतीत करें) चिता पर जलकर भस्म हुआ फिर लौटकर कहॉंआता है! मार्क्स ने भी धर्म को मतलब ईश्वर पर की श्रद्धा को अफीम की गोली अर्थात् मनुष्य को बेहोश करने वाली वस्तु कहा था. लेकिन दुनिया में न चार्वाक के अनुयायी अधिक शेष है न मार्क्स के. अधिकांश संख्या परमेश्वर के अस्तित्व को मानने वालों की है. फिर कोई उसे ‘गॉड’ कहे,अथवा कोई अल्ला. व्यक्ति ‘सेक्युलर’ नहीं होती...
Editorial, ORGANISER, July 1, 2012 Corruption, absence of leadership and policy paralysis are the...
Thirty seven years ago this week, the Constitution was brutalised to turn India into...
Today is 23rd of June. It is a date the nation must not forget. Exactly 59...
Last week (June 16) Shri Ahmad Tariq Karim, High Commissioner for Bangladesh in New...
बीसवीं शताब्दी के अंतिम दिनों में मुंबई से ‘आफ्टरनून केरियर एण्ड डिस्पैच‘ नाम का समाचार पत्र...
Note by Dr Pravin Togadia, VHP International Chief June 12, 2012 Religion based reservations...