Kanpur, UP December 17: श्रीमुनि इण्टर कालेज, कानपुर में हिन्दू जागरण मंच के कार्यक्रम में बोलते हुये राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य इन्द्रेश जी ने कहा कि विदेशियों से प्रेम करनेवालों को देश छोड़ देना चाहिए। हम अपने पड़ोसी से अपनी एक इंच भूमि के लिए पीढ़ियों तक अदालत में लड़ते हैं, फिर किसी को अपनी मातृभमि कैसे सौंप सकते हैं? भारत के अन्दर बांग्लादेशी घुसपैठियों की बढ़ती संख्या वास्तव में बांग्लादेश का भारत में ग्रेटर बांग्लादेश बनाने का सपना है। ठीक इसी प्रकार पाकिस्तान और चीन भी हमारे भूभागों पर नजर गड़ाये बैठे हैं। इन देशों ने हमारा हजारों वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र हड़प रखा है। यह हम कैसे बरदाश्त कर सकते हैं ?समुद्र को छोड़कर शेष उपलब्ध जल का 54 प्रतिशत कैलाश मानसरोवर में है। माँ गंगा का उद्गम स्थान कैलाश ही है। फिर यह चीन का कैसे हो सकता है। हमें यह वापस चाहिए।
स्वामी विवेकानन्द आदि महापुरुषों ने बहुत पहले ही हमें सचेत किया है कि यदि हम नहीं जागे तो भविष्य में चीन हमें गुलाम बना सकता है। ऐसा होने पर आजाद होने के लिए हमें कम से कम 1000 वर्षों तक संघर्ष करना पड़ेगा। चीन के सस्ते उत्पाद भारत में बेरोजगारी बढ़ा रहे हैं। विदेशी उत्पादों के कारण हमारे 6 करोड़ भारतवासी बेरोजगार हो गये हैं। यदि हम दूसरे देशों के पीछे भागना छोड़ दें तो हमें महाशक्ति बनने से कोई नहीं रोक सकता। विश्व की वर्तमान महाशक्ति माना जाने वाले अमेरिका के लगभग 40 मित्र देश हैं, चीन का कोई भी मित्र देश नहीं है जब कि भारत के 100 से अधिक मित्र देश हैं।
हमें हमारी मातृभूमि पर गर्व होना चाहिए। यह सास्वत सत्य है कि जिसका जन्म होता है उसकी मृत्यु भी होती है, पाकिस्तान, बांग्लादेश आदि देशों का जन्म हुआ है, पर भारत का जन्म नहीं हुआ, इस लिए वह अमर है। हमें भारत की आजादी में अपनी जान की बाजी लगानेवाले क्रांतिकारियों को अपने समक्ष आदर्श रूप में रखना चाहिए। यदि हम आज स्वदेशी के प्रयोग का संकल्प कर लें तो 10 साल बाद अमेरिका हमसे भीख मांगने को मजबूर हो जायेगा। कभी कांग्रेस ने विदेशी माल की होली जलाई थी, आज वही कांगे्रस विदेशी सामानों को भारत में लाने की व्यवस्था कर रही है।
हम हमेशा से मानते हैं कि युवाओं में जोश तथा वृद्धों में होश का होना अत्यन्त आवश्यक है। हमारे नवजवानों ने देशभक्ति उत्पन्न हो इसके लिए हम ने सरहद को प्रणाम कार्यक्रम किया था। हमने देश की सीमा पर 1,50,000 लोगों के साथ 74 किलोमीटर मानव श्रंखला भी बनाई। इस कार्यक्रम में 10,009 युवकों ने भाग लिया। ये युवा सीमाओं पर बसे क्षेत्रों की मिट्टी अपने साथ लाये हैं और पूरे देश में इस मिट्टी से तिलक कर सीमावर्ती क्षेत्रों से शेष देश को जोड़ने का कार्य कर रहे हैं।
इस बौद्धिक के पूर्व हिन्दू जागरण मंच ने चीन से युद्ध के 50 वर्ष पूर्ण होने पर शहीदों को श्रद्धांजली स्वरूप राष्ट्रीय सुरक्षा पर विशेषांक प्रकाशित किया, जिसका लोकार्पण माननीय इन्द्रेश जी ने किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री सुबोध चोपड़ा जी ने की विशिष्ट अतिथि श्री विजय बहादु सिंह, मुख्य अतिथि अनिल द्विवेदी, संघ के कानपुर प्रान्त के प्रान्त प्रचारक आनन्द जी, सह प्रान्त कार्यवाह ज्ञानेन्द सचान, सहविभाग कार्यवाह भवानी भीख, सहित प्रवीण वाजपेयी, राजेश भाई, श्याम जी शुक्ल, अनूप शुक्ला, आशुतोष तिवारी, सारांश कनौजिया, पीयूष शुक्ल आदि के सहित भारी संख्या नागरिक एवं माता-बहनें उपस्थित थे कार्यक्रम का समापन वन्देमातरम् के साथ हुआ।