Mumbai April 02, 2016: RSS Sarakaryavah Suresh Bhaiyyaji Joshi stated that RSS respects National Flag equally to Bhagawadwaj. He was addressing a gathering at DRI Mumbai on Rajyadharma and Rashtradharma.

Bhaiyajoshi

Here are few tweets from @RSSOrg, the official RSS handle.

DRI द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भैयाजी ने कहा- देश-राज्य-राष्ट्र तीनों का अलग-2 अर्थ है,परंतु अंग्रेज़ों ने इसमें भ्रम उत्पन्न किया।

देश भौगोलिक इकाई होने के कारण इसकी सीमा छोटी-बड़ी होती रहती हैं।–

राज्य आवश्यक सुविधा और सुरक्षा प्रदान करने वाली राजनीतिक इकाई है जो समय के अनुरूप बदलती रहती है।

राष्ट्र हजारों वर्षों में स्वयं विकसित हुई एक सांस्कृतिक जीवनशैली होती है,जो कभी नहीं बदलती।

नागरिकता कानून के द्वारा प्राप्त की जा सकती है,पर देश के साथ माँ-पुत्र के संबंध की अनुभूति रखने वाला ही राष्ट्रीय होता है।

एक राष्ट्र में अनेक राज्य और एक राज्य में अनेक राष्ट्र हो सकते हैं।

भारत एक नया देश बन रहा है यह भी अंग्रेजों द्वारा  फैलाया भ्रम है।भारत प्राचीन राष्ट्र है।

1947 में संविधान द्वारा राजकीय ध्वज के रूप में  स्वीकार किए गए तिरंगे का सम्मान करना प्रत्येक नागरिक का दायित्व है।

भगवा ध्वज प्राचीन काल से इस राष्ट्र के प्रतीक के रूप में श्रद्धा का स्थान रखता है।

हमारे लिए तिरंगा और भगवा ध्वज समान रूप से वंदनीय है।

जण-गण-मन में राज्य की परिकल्पना प्रगट होती है तो वन्देमातरम् में राष्ट्र की।दोनों का सम्मान सबको करना ही चाहिए।

जो इस भूमि को माँ मानते हैं वे ‘भारत माता की जय’ कहते है जो इस भूमि को भोगभूमि मानते हैं वे ही ‘भारत माता की जय’ कहने से इनकार करते हैं.

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