June 18, 2023: The continuous violence that is going on in Manipur for the last 45 days is extremely worrisome. The violence and uncertainty that started in Manipur after the protest rally organized in Churachandpur on May 03, 2023 at the time of Lai Haraoba festival is to be condemned. It is very unfortunate that the spate of unrest and violence that erupted afterwards among those who have been living a peaceful life with mutual harmony and co-operation for centuries has not yet stopped.

The Rashtriya Swayamsevak Sangh stands with the displaced persons and other victims of the Manipur crisis numbering more than 50,000 during this period of terrible grief. Rashtriya Swayamsevak Sangh is of the considered opinion that there is no place for violence and hatred in a democratic setup, and also believes that the solution of any problem is possible only through mutual dialogue and expression of brotherhood in a peaceful atmosphere.

Rashtriya Swayamsevak Sangh appeals everyone to  overcome the deficit of trust among each other which is the cause of the present crisis. It requires comprehensive efforts from both communities. It can be resolved by addressing the sense of insecurity and helplessness among the Meiteis and genuine concerns of the Kuki community simultaneously.

The Sangh appeals to the Government including Local administration, Police, Military and the Central agencies to take every possible step to immediately stop this painful violence, ensure the seamless supply of relief materials among the displaced along with necessary actions to maintain peace and harmony. 

Rashtriya Swayamsevak Sangh also appeals to the entire civil society, political groups of Manipur and common people to take every possible initiative to put an end to the present chaotic and violent situation and also , ensure safety of human life and permanent peace in the state of Manipur .

Dattatreya Hosabale 
Sarakaryavah 
Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS)

जून 18, 2023: मणिपुर में पिछले 45 दिनों से लगातार हो रही हिंसा बेहद चिंताजनक है. 03 मई, 2023 को चुराचांदपुर में लाई हराओबा उत्सव के समय आयोजित विरोध रैली के बाद मणिपुर में जो हिंसा और अनिश्चितता शुरू हुई, वह निंदनीय है। यह बड़े दुर्भाग्य की बात है कि सदियों से आपसी सौहार्द और सहयोग से शांतिपूर्ण जीवन व्यतीत करने वालों के मध्य में जो अशांति और हिंसा भड़क उठी, वह अभी तक नहीं रुकी है।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भयानक दुःख की इस अवधि के दौरान मणिपुर संकट के विस्थापितों और अन्य पीड़ितों, जिनकी संख्या 50,000 से अधिक है, के साथ खड़ा है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का यह सुविचारित मत है कि लोकतान्त्रिक व्यवस्था में हिंसा और घृणा के लिए कोई स्थान नहीं है और वह यह भी मानता है कि किसी भी समस्या का समाधान आपसी संवाद और शांतिपूर्ण वातावरण में भाईचारे की अभिव्यक्ति से ही संभव है।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सभी से अपील करता है कि वे परस्पर विश्वास में आयी कमी को दूर करें जो वर्तमान संकट का कारण है। इसके लिए दोनों समुदायों के व्यापक प्रयासों की आवश्यकता है। इसका समाधान मैतेई लोगों के बीच असुरक्षा और निस्सहायता की भावना और कुकी समुदाय की वास्तविक चिंताओं को एक साथ संबोधित करके किया जा सकता है।

संघ स्थानीय प्रशासन, पुलिस, सेना और केंद्रीय एजेंसियों सहित सरकार से अपील करता है कि वे इस दर्दनाक हिंसा को तुरंत रोकने के लिए हर-संभव कदम उठाएं, तथा शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए आवश्यक कार्रवाई के साथ-साथ विस्थापितों के बीच राहत सामग्री की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करें।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पूरे नागरिक समाज, मणिपुर के राजनीतिक समूहों, और आम लोगों से अपील करता है कि वे वर्तमान अराजक और हिंसक स्थिति को समाप्त करने के लिए हर-संभव पहल करें और मणिपुर राज्य में मानव जीवन की सुरक्षा और स्थायी शांति सुनिश्चित करने में मदद करें।

दत्तात्रेय होसबाले

सरकार्यवाह

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस)

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